Kitne Kauve Tenalirama Hindi Story तेनालीराम - कितने कौवे, Hindi Story of Tenali Rama, Moral Hindi Story of Tenali Rama, Best Tenali Rama Story Collection.
महाराज कॄष्णदेव राय तेनालीराम का मखौल उडाने के लिए उल्टे-पुल्टे सवाल करते थे। तेनालीराम हर बार ऐसा उत्तर देते कि राजा की बोलती बन्द हो जाती। एक दिन राजा ने तेनालीराम से पूछा “तेनालीराम! क्या तुम बता सकते हो कि हमारी राजधानी में कुल कितने कौवे निवास करते है?” हां बता सकता हूं महाराज! तेनालीराम तपाक से बोले। महाराज बोले बिल्कुल सही गिनती बताना।
जी हां महाराज, बिल्कुल सही बताऊंगा। तेनालीराम ने जवाब दिया। दरबारियों ने अंदाज लगा लिया कि आज तेनालीराम जरुर फंसेगा। भला परिंदो की गिनती संभव हैं? “तुम्हें दो दिन का समय देते हैं। तीसरे दिन तुम्हें बताना हैं कि हमारी राजधानी में कितने कौवे हैं।” महाराज ने आदेश की भाषा में कहा।
तीसरे दिन फिर दरबार जुडा। तेनालीराम अपने स्थान से उठकर बोला “महाराज, महाराज हमारी राजधानी में कुल एक लाख पचास हजार नौ सौ निन्यानवे कौवे हैं। महाराज कोई शक हो तो गिनती करा लो।
राजा ने कहा गिनती होने पर संख्या ज्यादा-कम निकली तो? महाराज ऐसा, नहीम् होगा, बडे विश्वास से तेनालीराम ने कहा अगर गिनती गलत निकली तो इसका भी कारण होगा। राजा ने पूछा “क्या कारण हो सकता हैं?”
तेनालीराम ने जवाब दिया “यदि! राजधानी में कौवों की संख्या बढती हैं तो इसका मतलब हैं कि हमारी राजधानी में कौवों के कुछ रिश्तेदार और इष्ट मित्र उनसे मिलने आए हुए हैं। संख्या घट गई हैं तो इसका मतलब हैं कि हमारे कुछ कौवे राजधानी से बाहर अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हैं। वरना कौवों की संख्या एक लाख पचास हजार नौ सौ निन्यानवे ही होगी तेनालीराम से जलने वाले दरबारी अंदर ही अंदर कुढ कर रह गए कि हमेशा की तरह यह चालबाज फिर अपनी चालाकी से पतली गली से बच निकला।
तेनालीराम - कितने कौवे
महाराज कॄष्णदेव राय तेनालीराम का मखौल उडाने के लिए उल्टे-पुल्टे सवाल करते थे। तेनालीराम हर बार ऐसा उत्तर देते कि राजा की बोलती बन्द हो जाती। एक दिन राजा ने तेनालीराम से पूछा “तेनालीराम! क्या तुम बता सकते हो कि हमारी राजधानी में कुल कितने कौवे निवास करते है?” हां बता सकता हूं महाराज! तेनालीराम तपाक से बोले। महाराज बोले बिल्कुल सही गिनती बताना।
जी हां महाराज, बिल्कुल सही बताऊंगा। तेनालीराम ने जवाब दिया। दरबारियों ने अंदाज लगा लिया कि आज तेनालीराम जरुर फंसेगा। भला परिंदो की गिनती संभव हैं? “तुम्हें दो दिन का समय देते हैं। तीसरे दिन तुम्हें बताना हैं कि हमारी राजधानी में कितने कौवे हैं।” महाराज ने आदेश की भाषा में कहा।
तीसरे दिन फिर दरबार जुडा। तेनालीराम अपने स्थान से उठकर बोला “महाराज, महाराज हमारी राजधानी में कुल एक लाख पचास हजार नौ सौ निन्यानवे कौवे हैं। महाराज कोई शक हो तो गिनती करा लो।
राजा ने कहा गिनती होने पर संख्या ज्यादा-कम निकली तो? महाराज ऐसा, नहीम् होगा, बडे विश्वास से तेनालीराम ने कहा अगर गिनती गलत निकली तो इसका भी कारण होगा। राजा ने पूछा “क्या कारण हो सकता हैं?”
तेनालीराम ने जवाब दिया “यदि! राजधानी में कौवों की संख्या बढती हैं तो इसका मतलब हैं कि हमारी राजधानी में कौवों के कुछ रिश्तेदार और इष्ट मित्र उनसे मिलने आए हुए हैं। संख्या घट गई हैं तो इसका मतलब हैं कि हमारे कुछ कौवे राजधानी से बाहर अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हैं। वरना कौवों की संख्या एक लाख पचास हजार नौ सौ निन्यानवे ही होगी तेनालीराम से जलने वाले दरबारी अंदर ही अंदर कुढ कर रह गए कि हमेशा की तरह यह चालबाज फिर अपनी चालाकी से पतली गली से बच निकला।
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